मर गई! एक जबरदस्त मज़ा आया, उसके बाद बड़ी राहत मिली। इन्होंने अपनी बाँहों में मुझे सुला लिया। सुबह बदन दुःख रहा था और मैं लंगड़ा रही थी.लेकिन मुझे लग रहा था अब आगे गांड चुदवाने में मुझे कोई डर नहीं लगेगा। अगली तीन रातें मस्त चुदाई में कटीं, चौथे दिन भाई लेने आ गया। चूत गांड मुँह सबमें लौड़ा घुस चुका था। दस हज़ार रुपए और सोने की चूड़ियाँ मैंने अपनी चूत के खेल से पा लिए थे, मुझे लगा अगर मैं चूत की सफ़ल खिलाड़िन बन जाऊँ तो अपने घर की गरीबी मिटा सकती हूँ। अगले दिन घर जाने की ख़ुशी थी लेकिन चूल भी उठ रही थी कि 15 दिन लौड़ा खाए बिना कैसे रह पाऊँगी। अगले दिन भाई के साथ मैं अपने घर चली गई।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- उह.. XXX Hindi बहुत दर्द हो रहा है!लेकिन अब ये मेरी गांड के ड्राईवर थे, चिल्लाने का कोई फायदा नहीं हुआ लंड अपने सफ़र पर चल रहा था। ऐसा लग रहा था कि मेरे दोनों चूतड़ फट जाएँगे। मेरी गांड का गुदना जारी था, थोड़ी देर मैं इनका लंड पूरा अंदर घुस गया था। मैं तो मर सी गई थी।इन्होंने मेरी कमर कस कर पकड़ ली और मेरी गांड चोदनी शुरू कर दी। शुरू के झटकों ने तो मेरी जान ही निकाल ली। जब लंड अच्छी तरह से गांड में
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गरम देसी अध्यापिका की साड़ी उठाकर उसकी गांड फाड़ते हुए ज़ोरदार चुदाई
Actors:
Mamaz Boy / Sexy Rashmi
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