मोहम्मद की तृप्ति: पॉलिन्हो दा प्राया ग्रांडे की मशहूर देसी मालिश

फिर अगले दिन उन्होने मुझे आई पिल खिलाई उन्होने मुझे दो साल और चोदा, वो यहाँ साल में एक बार ही आते है गर्मियो की छुट्टियों में लेकिन मुझे उस वक़्त में इतना चोदते कि क्या कहूँ उनकी चुदाई सबसे अलग थी।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- फिर मैंने कहा कि में शादी नहीं करूँगी। तभी उन्होने कहा कि सिर्फ़ सुहागरात मनाओगी? हिंदी XXX तभी उन्होने कहा अरे वो बिल्कुल बुरा नहीं मानेगा क्योंकि उसे भी तो एक अच्छी माँ चाहिए। फिर मैंने उनसे कह दिया, आपको जो करना है वो करिए और अपनी आँखें बंद कर दी।तभी उन्होने कहा सोच लो। मैंने भी कह दिया हाँ अब मुझे सोने दीजिए। तभी वो मुझ पर वैसे ही सोए रहे। अब उनकी आँखें भी बंद हो गयी थी। थकी हुई होने की वजह से में भी सो गयी। फिर कुछ देर बाद वो उठकर कही चले गये। में नींद में ही थी और मुझे लगा ही था वो मेरे साथ मस्ती कर रहे है।अब में चैन से सो सकती थी थोड़ी देर बाद वो ऊपर आए और मुझ पर वापस वैसे ही सो गये। इस बार ज़्यादा कसकर अपना जिस्म आधे से ज़्यादा मुझ पर अपना पैर मेरे पैरो को लपेटकर, अपना सर मेरे गले से लगाकर और उनकी गरम सासें सीधे मेरी छाती को लग रही थी।फिर मैंने आँखें खोलकर देखा तो बल्ब की

मोहम्मद की तृप्ति: पॉलिन्हो दा प्राया ग्रांडे की मशहूर देसी मालिश

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