भारतीय रंडियाँ और बेहतर करती हैं

में तो वीजा ना मिलने की वजह से पहले ही परेशान थी.और अब एक नई मुसीबत बारिश की शकल में मेरी मुन्तिजर थी.अब्बा ने मुझ से कहा कि चलो एर पोर्ट चलते हैं वहीं बैठ कर शाम की फ्लाइट का इंतेज़ार करेंगे. हिंदी XXX आख़िर कार मेरी ज़िद के आगे हार मानते हुए जमाल ने मुझे विज़िट वीजा अप्लाइ करने की इजाज़त दे दी.वीजा अप्लाइ करने के एक महीने बाद मुझे अमेरिकन एंबसी इस्लामाबाद से इंटरव्यू की कॉल आ गई. इसी लिए में उस वक़्त अपनी चूत और निचले धड में कुछ भी महसूस करने से कसीर हो चुकी थी. उनमे नींद की दवा शामिल होती थी.इस लिए जब मेरी सास रात को अपने कमरे में जातीं.तो वो बिस्तर पर लेटते ही नीद की आगोश में चली जातीं और फिर अगली सुबह ही उन की आँख खुलती थी. जब कि मेरे जिस्म का अंग अंग अभी तक दर्द कर रहा था. इस की वजह ये थी. यूँ खालिद भाई की धमकी काम कर गई और में चुप चाप लेटी उन से चुदती रही. आख़िर में कब तक दामाद और ससुर की रखेल बन कर रहूंगी. जमाल ने मेरी बात को एक ग़लती समझ कर इस शर्त पर मुझे माफ़ किया कि में दुबारा कभी उन के अब्बा पर किसी किस्म के इल्ज़ाम तराशि नही करूँगी.हाला कि अगर मेरा शोहर ठंडे दिल से मेरी पूरी

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