गर्म दोस्त को चकमा देकर उसकी चुदाई की जमकर

उसने जवाब दिया वही जो सोच कर तू कल मुठ मार रहा था। अँधेरे का फायदा उठा ले और अपने लण्ड को शांत कर ले। इतना बोल कर वो मेरे पैजामे में हाथ डाल कर मेरा लण्ड मसलने लगी। और मुझे चूमने लगी। मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया और मैंने भी चाची को कस के पकड़ लिया।इतने में कंडक्टर ने आवाज लगाई, सब बस में आकर बैठ जाओ बस चलने वाली है। चाची मुझे छोड़ ही नहीं रही थी और चूमे जा रही थी। मैंने चाची को बोला चाची बस चलने वाली है चलिए चलते हैं। वो बोली अच्छा सुन गौरव, इस बार मुठ नहीं मारना, मैं आधे घंटे बाद तेरे केबिन में आ जाउंगी, फिर हम चुदाई करेंगे।इतना बोल कर हम बस में वापिस चले गए। चाचा अभी भी गहरी नींद में थे। बस चल पड़ी और थोड़ी ही देर बाद चाची ने मौका देख कर मुझे मोबाइल पर मैसेज किया। बस में सब सो रहे हैं, दरवाजा खोल मैं आ रही हूँ। मैंने भी दरवाजा खोल कर चाची को अंदर बुला लिया और फिर केबिन बंद कर दिया।अब हमारी चुदाई की दास्तान शुरू होने लगी। केबिन बंद करते ही चाची मेरे ऊपर चढ़ गयी और मुझे चूमने लगी। वो बोली गौरव आज डर गया तो कभी नहीं किसी लड़की की चूत के मजे ले पायेगा। मैंने भी ये सुन

गर्म दोस्त को चकमा देकर उसकी चुदाई की जमकर

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