भाभी की गर्म मसाज: सौतेले बेटे के बड़े लंड पर सवार होकर चुदाई का मजा

बाबा.. XXX Hindi किनझर..।शैरी नही जानती थी कि मैं उसके बोलने के साथ साथ ही टिंकू के दिमाग से वह लेखा मिटाता जा रहा था। हालाँकि इस प्रयास में कामोत्तेजना से मेरा भी बुरा हाल हो चुका था। उसके नाजुक अंगो से खिलवाङ करते हुये मुझे उत्तेजना हो रही थी। पर सम्भोग करते ही मेरी असलियत खुल जाती। और टिंकू तो मुक्त हो जाता।उसकी जगह मैं प्रेतभाव से ग्रसित हो जाता। आखिरकार संयम से काम लेते हुये मैं वो पूरी फ़ीडिंग मिटाने में कामयाब हो गया। शैरी कामभावना को प्रस्तुत करती हुयी मेरे सामने लेट गयी। जब अचानक मैं उसे छोङकर उठ खङा हुआ। और बोला कि अभी मैं थकान महसूस कर रहा हूँ। कुछ देर आराम के बाद मैं तुम्हें संतुष्ट करता हूँ। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.कहकर मैं लगभग दस हजार फ़ीट ऊँचाई वाले उस वृक्ष पर चढ गया। और एक निगाह किनझर को देखते हुये मैंने विशाल अंतरिक्ष में नीचे की और छलांग लगा दी। अब मैं बिना किसी प्रयास के पृथ्वी की तरफ़ जा रहा था। मेरा ये सफ़र लगभग तीन घन्टे में पूरा होना था। जब मैं बाबाजी के गुफ़ा द्वार पर होता।इस पूरे मिशन में मुझे लगभग तेरह घन्टे का समय लगा था। यानी कल शाम तीन बजे से जब आज मैं गुफ़ा के द्वार पर होऊँगा। उस समय सुबह के चार

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