प्राचीन भारत की योनि मालिश के गुप्त रहस्यों से तरबतर आनंद

आहा.. XXX Hindi समझदार हो.. आगे की कहानी अगली पार्ट में पढ़े…अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- जो कि माँ के कमरे की तरफ खुलती थी। प्रकाश अंकल मेरी माँ के बदन पर अपना हाथ फेर रहे थे, वो शरमा रही थीं, अंकल ने उनका सफ़ेद दुपट्टा निकल कर अलग कर दिया था और उनके कन्धे पर हाथ रख दिया।वो वहाँ से उठकर जाने लगीं.. माँ के मुँह से आवाजें निकलनी शुरू हो गई थीं। प्रकाश अंकल ने धीरे से माँ की गुलाबी सलवार का इजारबंद खोल दिया और धीरे से कुर्ती भी ऊपर सरका दी। माँ अब अधनंगी हो चुकी थीं। उन्होंने अपनी कमर पर एक काली डोरी बांधी हुई थी। प्रकाश अंकल के द्वारा माँ की चुदाई को देख कर मैं पागल हो रही थी।प्रकाश अंकल ने इतनी जोर से माँ के दूध दबाए और चूसे कि माँ ‘आ.. माँ थोड़ा झिझक रही थीं.. मेरे पीछे उभारों पर मुझे उनके लौड़ा का दबाव साफ़ महसूस हो रहा था। नीचे मेरी योनि में कुलबुलाहट सी होने लगी थी। योनि को और साथ में भगांकुर को मसलवाने को मन कर रहा था।फिर अंकल ने मेरी काली चूड़ीदार पजामी नीचे खिसका दी और मेरी गुलाबी रंग की चड्डी की एक झटके में नीचे खिसका लिया। मुझे शर्म सी महसूस हो रही थी परन्तु आनन्द भरी सनसनाहट में लिपटी..

प्राचीन भारत की योनि मालिश के गुप्त रहस्यों से तरबतर आनंद

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