क्योंकि उनका कार्य आणविक क्षेत्र में था इसलिए वह परिवार को अपने साथ नहीं ले जा सकते थे. XXX Hindi ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.तभी पापाजी ने कहा- शिवानी, मैं थक गया हूँ और मुझे भूख भी लग आई है इसलिए थोड़ा गर्म दूध ला दो. अब इसके साथ साथ हमें भी आराम करना चाहिए, नहीं तो आपकी कमर का दर्द आपको परेशान कर देगा. उन्हें हर ग्यारह माह के बाद एक माह के लिए भारत अपने परिवार के पास आने की इज़ाज़त थी.विदेश जाना उनकी एक मजबूरी थी, इसलिए मुझे और मेरे चार माह के बेटे को अकेला छोड़ के गए. आगे जो होगा, देखा जाएगा.तब वह मेरी टांगों के बीच में आकर बैठ गए और अपने महाराज को मेरी महारानी के छोले पर रगड़ने लगे.इससे मेरी हालत बहुत खराब होने लगी, मैंने कहा- पापाजी, अब और मत चिढ़ाओ और इसे जो सजा देनी है वह जल्दी से दे दीजिए.तब पापाजी बोले- चिंता मत कर ज़रा सजा के लिए इसे तैयार तो कर लूँ!इसके बाद उन्होंने अपना लण्ड महाराज, जो इस समय अपने पूरे उफान पर था और पूरे आकार का हो चुका था, मेरी चूत के मुँह के पास रख दिया और हलके से धक्के मार कर उसे चूत के अंदर घुसेड़ने लगे.
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गर्म देशी चुदाई पति के दोस्त के साथ | हिंदी में गंदी बातें | तुम्हारी प्रिया
Actors:
Harami Pati / Your Priya
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