भारत की रातों में गर्म और भावुक यौन क्रिया

अगर तुम ग़ाज़ियाबाद आकर रह लो तीन चार दिन तो अच्छा रहेगा। क्यों की तुम्हे तो पता है तुम्हारी दादी (यानी की वो अपनी माँ के बारे में कह रहे थे ) यहीं है।वो अकेली कैसे रहेगी, इस वजह से मैं चाहता हूँ तुम यही पर रहकर तीन चार दिन पढ़ाई कर लो। तुम्हे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। मैंने भी हां कह दिया क्यों की मेरे पास वहां जाने के अलावा कोई चारा भी नहीं था। तो मैं उनके यहाँ शाम को ही चला गया। वो लोग दूसरे दिन जाने वाले थे।5 दिन मुझे वहीं पर रहना होता है। तो मैंने अपना कुछ सामान जो की जरूरत की थी मैं वहीं पर ले चला गया ताकि किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं हो रात को अंकल आंटी मुझे सारे को समझा दिए क्या कर किसी चीज की जरूरत हुई तो बाहर जयसवाल जी की दुकान है वहां से ले आना.वह जयसवाल जी को बोल कर चले गए थे कि कुछ चीज की जरूरत हो तो आप अनूप को दे देना। दूसरे दिन सुबह सुबह 10:00 बजे के करीब ही वह दोनों घर से चले गए अब घर में मैं और मेरी दादी। मन तो मुझे लग नहीं रहा था दिन भर वह गांव की कहानियां सुना रहे थे कि उसके यहां भी हुआ उसके वहां भी हुआ पर मेरा

भारत की रातों में गर्म और भावुक यौन क्रिया

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