गर्म अमेरिकी माँ का भारतीय गर्मी में उसके लड़के के साथ जंगली संभोग

हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” देवर जी आराम से चूसिये मेरे आम। दांत कम से कम गड़ाइए वरना तुम्हारे भैया जब मुझे नंगा करके रात में चोदेंगे तो मेरे चूचों के निशान देख लेंगे!!” मैं बोली.पर मेरा अमेरिका रिटर्न देवर तो इकदम से पागल हो गया था। सायद उस पर अमेरिकी सभ्यता हावी हो गयी थी। वो मेरे कबूतरों को हाथ से पकडकर कसके दबा देता था और मेरी निपल्स को दांत से काट काट कर चूस रहा था और मुझे तडपा रहा था। घंटो यही खेल चला। अब मुझे भी शरारत सूझी।मैंने देवर को गीली जमीन पर ही लिटा दिया और और २ ४ बाल्टी रंग उसपर डाल दिया। फिर मैंने उसकी पैंट खोल के उतार दी, फिर कच्छा भी उतार दिया। देवर का ८” लंड मेरे सामने था। मैंने लाल रंग की पुड़िया फाड़नी शुरू कर दी।“नही भाभी…..नही, प्लीस नही!!” देवर डरकर मुझे रोकने लगा.“गांडू…….अब क्यों रोक रहा था। मेरे मम्मो में तो तूने जी भरकर रंग लगा दिया था बेटा। अब क्यों मुझे रोक रहा है!!” मैंने कहा और रंग घोलकर देवर के ८” लौड़े पर अच्छे से मल दिया। उसे बहुत बुरा लग रहा था। पर मैं तो फुल मजे कर रही थी। अब देवर का लौड़ा इकदम लाल लाल दिख रहा था। उसके बाद मैं अपने देवर का लंड चूसने लगी।मैंने हाथ में लेकर उसका लौड़ा

गर्म अमेरिकी माँ का भारतीय गर्मी में उसके लड़के के साथ जंगली संभोग

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