मेरी गर्म चुदाई की कहानी – भाग 2 – हिंदी ऑडियो सेक्स स्टोरी

उनकी भी प्यास मैं समझ सकती हूँ।मैं- ठीक है भाभी.. हिंदी XXX मैंने चूत को हाथों से सहलाया और चूत चौड़ी करके चाटने लगा। कभी भाभी के मस्त काले हल्के भूरे रंग के दाने को चाटता.. और भाभी भी ये देख रही थीं कि मैं उनकी चूत देख रहा हूँ। भाभी ने हँसते हुए कहा- क्यों देवर जी किसी की चूत नहीं देखी क्या.. आज मेरी बुर को.. भाभी की भी नजर उस पर पड़ी।भाभी- अरे ये क्या.. अब तो घर की चूतों को फाड़ने में लगे होगे।मैंने चौंकते हुए पूछा- तुम्हें कैसे पता?कोयल- कल रात तुम्हें डिब्बा लेकर लेट्रिंग जाते देख कर मैं भी तुम्हारे पीछे आई थी। मैंने सोचा था कि चलो आज फिर हगते हुए विभूति के बड़े लण्ड से चुदा लेती हूँ.. उफ़..भाभी को मैंने लगातार काफी देर तक चोदा.. भाभी की भी नजर उस पर पड़ी।भाभी- अरे ये क्या.. चुदाई का मजा..मैंने हगते हुए उसकी चूत देखी और कहा- हाँ.. भाभी और बुढ़ियों तक की देख ली है.. मैंने झट से आँखें खोलीं।मैं- आह्ह.. पर अब खुद ही लगाता है.. उनकी भी प्यास मैं समझ सकती हूँ।मैं- ठीक है भाभी.. और घर की तरफ निकलने लगे। घर जाते ही भाभी ने देखा कि माँ सो रही थीं। भाभी ने घर का दरवाजा ठीक से बंद कर दिया और मुझसे चिपक गईं, भाभी मेरे होंठ चूसने लगीं, मैं भी भाभी

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