और फिर क्या था. XXX Hindi पर अब मेरी बारी थी लड़की देखने की. मेरे पास पैसे तो खूब थे पर परिवार नहीं था.तभी प्रिया और अंकिता आ गई. और फिर लंड को चूत पर सेट करते हुए दोनों चूचियों को जोर जोर से पकड़ा और कस के धक्का दिया और अंकिता को फिर से पेल दिया, करीब दस मिनट में ही मैं झड़ गया. सासु माँ खड़ी थी. मुझे ऐसा ही दामाद चाहिए थे जो की मेरे साथ ही रहे एक गार्जियन बन कर. मैंने पूछा आप वो बोली हां, मैं बालकनी में थी. करीब पांच मिनट तक चूमने के बाद, मेरे हाथ उनकी चूचियों पर पड़ गए और मैं हौले हौले उनके चूचियों को दबाने लगा.वो भी मस्त हो गई, और वो मेरे बाल पकड़ पर मुझे चूमने लगी. मैं बुटीक का काम करती हु, छोटी बेटी पढ़ रही है और प्रिया एक कंपनी में जॉब करती है.घर का खर्च ही निकल पाता है. रात को करीब ११ बज गए थे, दोनों बात चित करते करते. करीब पांच मिनट तक चूमने के बाद, मेरे हाथ उनकी चूचियों पर पड़ गए और मैं हौले हौले उनके चूचियों को दबाने लगा.वो भी मस्त हो गई, और वो मेरे बाल पकड़ पर मुझे चूमने लगी. और ब्रा को ऊपर से दबाने लगाया. फिर हम चारो शॉपिंग करने लगे.
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भाग्यवश मैंने अपनी प्रेमिका और उसकी बहन को एक साथ चोदा!! हिंदी में साफ आवाज़ के साथ
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