जो मुझे भी अच्छा लगता। हाँ उन्होंने कभी भी मेरा शोषण करने का प्रयास नहीं किया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.अगर कभी किसी बात पर मैं नाराज भी हो जाती तो वो बहुत प्यार से मुझे मनाते। हाँ वो कोई हीरो नहीं थे। परन्तु एक सर्वगुण सम्पन्न पुरूष थे। एक दिन उन्होंने मुझसे फोन पर बात करने को कहा तो मैंने मना कर दिया। उन्होंने बिल्कुल भी बुरा नहीं माना। पर जब मैं चैट खत्म करने लगी तो उन्होने स्क्रीन पर अपना नम्बर लिख दिया…और मुझसे बोले, “कभी भी मुझसे बात करने का मन हो या एक दोस्त की जरूरत महसूस हो तो इस नम्बर पर फोन कर लेना पर मुझे अभी बात करने की कोई जल्दी भी नहीं है।”मैंने उनका नम्बर अपने मोबाइल में सेव कर लिया। वो बात उस दिन आई गई हो गई। उसके बाद हम फिर से रोज की तरह चैट करने लगी। एक दिन जब मेरा नैट पैक खत्म हो गया। मैं तीन दिन लगातार सचिन बोलती रही। पर उन्होंने लापरवाही की और रीचार्ज नहीं करवाया।मुझे रोज अभिषेक से चैट करने की लत लग गई थी। अब मुझे बेचैनी रहने लगी। एक दिन मजबूर होकर अभिषेक को फोन करने की बात सोची पर ‘पता नहीं कौन होगा फोन पर’ यह सोच कर मैंने अपने मोबाइल से अभिषेक को मिस काल दिया।
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गर्भवती सौतेली माँ मल्लू आंटी को उसका सौतेला बेटा ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा है
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