मैंने उसे आवाज़ दी और वो हाँ दीदी कहते हुए अंदर आ गई. वो मेरे लिए खाना पकाने और साफ सफाई का काम और कपड़े भी धोने का काम भी वहीं करने लगी थी. हिंदी XXX फिर कुछ समय बाद मुझे उससे बातों ही बातों में पता चला कि उसके पति ने उसे कुछ समय पहले एक छोटी सी बात के लिए छोड़ दिया था, सिर्फ़ इसलिए कि वो कभी भी माँ नहीं बन सकती थी.वो मेरे पास नवम्बर पहले सप्ताह के पहले रविवार को घर पर आई थी और उसके एक दिन पहले वो मुझसे अपने काम करके की बात करके गई थी. वो अंदर आकर मुझे देखती ही रह गई. कोई औरत किसी औरत से कभी शरमाती है क्या? दोस्तों थोड़ी देर बाद जब में बिल्कुल शांत हुई तो मैंने अपने एक हाथ को चूत के मुहं पर लगाकर महसूस किया कि उस समय मेरी चूत और सोनी का मुँह दोनों ही एक गरम चिपचिपे से पानी से बिल्कुल गीले थे और में एकदम निढाल होकर पड़ी हुई थी.तभी सोनी मुझे नटखट मुस्कुराहट के साथ देखते हुए सीधी बाथरूम की भागी और मुँह धोने लगी. मुझे मेरी वहां की मालकिन ने यह सब सिखाया था.मैंने उससे कहा कि वाह यार तू तो बहुत कमाल की चीज़ है चल फिर तू आज से ही से मेरी मालिश शूरू कर दे, मेरे नहाने से
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