यही सोच कर मैं बेड पर लेट गई और अपने हाथ से अपनी चूत सहलाने लगी। कितनी देर तड़पती रही और मसलती रही और आखिर मेरा पानी छूट गया। स्खलित होकर भी मैं कितनी देर बेड पे नंगी ही लेटी रही।उस रात को भी मैंने हाथ से किया मगर हाथ से करने से भी मुझे मज़ा नहीं आ रहा था, स्खलित हो जाती थी, मगर संतुष्ट नहीं हो पाती थी।फिर मैंने ऐसे चीज़ें ढूंढनी शुरू की जो लंड तरह अपनी चूत में ले सकती थी जैसे खीरा, मूली, गाजर, बेलन, बैंगन, पेन, डंडा और न जाने क्या क्या।लंड की कमी तो पूरी हो गई, मगर जो चूमने चाटने की तमन्ना थी, वो कहाँ से पूरी करती? XXX Hindi मेरा नाम शिवांगी है, मैं अपने माँ बाप की एकलौती संतान हूँ, इसलिए बचपन से बहुत लाड़ली रही हूँ। ज़्यादा प्यार भी बच्चों को बिगाड़ देता है और मैं भी कोई अपवाद नहीं हूँ। माँ बाप का बेपनाह प्यार और हर बात की आज़ादी का असर यह हुआ कि मैं 10वीं क्लास में ही किसी को अपना दिल दे बैठी। नासमझ, नादान उम्र का वो भी फायदा उठा गया। Bahu Mota Lund Blowjobजिस उम्र में बहुत सी लड़कियों को माहवारी शुरू नहीं होती, उस उम्र में मैंने अपना कौमार्य लुटवा दिया, वो भी उस बेवफा के लिए जो सिर्फ 2 बार सेक्स करके मुझे छोड़ गया,
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भाभी की गैरमौजूदगी में देसी सौतेली बहन ने जी भर के भाभी के पति के साथ मज़े लिए
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