भारतीय गर्मी और ईवा फीनिक्स की कामुक स्त्री-प्रेम यात्रा

पी लो!! हिंदी XXX मैंने सर झुकाकर कहा.बस फिर क्या था। रमेश मुझे अंदर अंदर ले गया। ऊँगली से कपड़े उतारने का इशारा किया। अपना कुर्ता पाजामा उतारा। मैंने अपने कपड़े निकाले। रमेश मेरे दुधारू मम्मो को देखकर टूट पड़े। खूब मम्मे पिए।क्या कोई बॉयफ्रेंड है ?? क्या अब मेरा बिना चोदवाए काम नही चेलेगा? कोच ने पूछा।वो मैं मैं …!  मैं हकलाने लगी। मैं आपसे प्यार करती हूँ! इससे काम आसान हो जाएगा!! मैंने भी कहा.अब वो और जोश से मेरे मम्मे पिने लगे।मैंने शावर खोल दिया। हम दोनों गर्म गुनगुने पानी में भीगने लगे। ऐसे में आज अपने कोच से चुदवा लेना, एक बड़ी बात थी। सर मेरी काली काली छाती की घुंडियों को चबा रहे थे। मैं सुख में डूब गई थी। वो फिर से मेरे ओंठ पिने लगे।और अपना हाथ वो मेरी चुट पर ले गए और मेरी चुट मलने लगे। मैं कुंवारी नही थी क्योंकि एक बार मैं 15 साल में अपने बुआ के लड़के से चोदवा लिया था। पर वो एक रात की बात थी, उसके बात मैंने सिर्फ और सिर्फ बॉक्सिंग पर ध्यान लगाया था और अपना बेस्ट परफार्मेन्स दिया था।बाथरूम में यूँ इस तरह से भीगना और अपने कोच से ऊँगली करवाना मजेदार था। कोच से मुझे फर्श पर लिटा दिया और शावर चलने दिया। मेरे कमर पर वो बैठ गए और अपना बड़ा सा गोरा

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