प्लीज लाइट बंद कर दो ना, मुझे बहुत शरम आ रही है”, “क्या भाभी ! अब तो छोड़ दे कमीने” कहती हुई भाभी जोर जोर से रोने लगी।मैंने भाभी को पुचकारते हुए उन्हें समझाया “मेरी जान, लंड को तुम्हारी चूत में जो जगह बनानी थी वो बना चुका, अब जब मजे की बारी आई तो तुम चिल्ला रही हो, मैंने तुम्हे क्या कहा था ?” “सच्ची कह रहे हो भैय्याजी”, “बिलकुल सच्ची मेरी जान” यह कह कर मैंने भाभी की टांगे ऊपर की तरफ उठा कर फैला दी.जिससे चूत भी थोड़ी फैल गयी और लंड को आराम से पूरी आने जाने को जगह भी मिल गयी। अब मैंने बिना रुके अपने लंड की राजधानी एक्सप्रेस भाभी की चूत की पटरी पर फुल स्पीड से दौड़ा दी। हाय हाय करने वाली भाभी अब कमर उचका उचका कर चुदवाने में सहयोग कर रही थी।“हाय भैय्याजी ! हिंदी XXX रोशनी में चोदने और चुदवाने का अलग ही मजा होता है” मै उनके बगल में लेटता हुआ बोला। “बड़े बेशरम हो भैय्याजी”. देखो अपनी भाभी की चूत का ख्याल रखना.”“तुम बिल्कुल चिंता मत करो, बस थोडा सा जब पहली बार लंड तुम्हारी चूत में जाकर अपनी जगह बनाएगा तो दर्द होगा बस फिर दो चार बार अन्दर बाहर होते ही जगह बन जाएगी और फिर मौजा ही मौजा होगी मेरी भाभी जानेमन”.
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