ये क्या पागलपन है यार सामने होती हूँ तो देखता भी नहीं, बात करना तो दूर की चीज है और रोज पैंटी ब्रा पे वीर्य गिराता है।इतनी ही आग है मन में मुझे लेकर तो मेरे से बात करो, मुझे देखो तो शायद आराम मिले, शायद अच्छा लगे। और अगर शरीफ ही बने रहना है तो ये भी मत करो। मन में तो पता नहीं कितने अरमान पाल रखा होगा मेरे बारे में, कितनी तरह से चोद चुका होगा, लेकिन बाहर से इतना शरीफ बनता है की कहना ही नहीं?शाजिया भी रोज की तरह नीचे आकर नंगी हुई और वीर्य चाटते हुए शंभू के बारे में सोचती रही और चूत से पानी निकालने के बाद नंगी ही रहीं। 3:00 बजे शाजिया के घर का दरवाजा नाक हुआ। शाजिया नंगी ही लेटी टीवी देख रही थी। वो हड़बड़ा गई और जल्दी से कपड़े ढूँढ़ने लगी। वो पैंटी ब्रा पहनती तो लेट होता। इसलिए वो हड़बड़ी में बस नाइटगाउन पहनते हुए पूछी- “कौन है?”उधर से शंभू की आवाज आई- मैं हूँ, शंभू…”शाजिया का दिल जोरों से धड़क गया की ये क्यों आए हैं? हिंदी XXX क्या वो लोग मेरे बारे में ऐसा नहीं सोचते?
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Indian Xxx / Indianxxxreality
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