भारतीय मुखमैथुन क्रीड़ाएँ

मैं नहा तो सकती नहीं थी इसलिए काम वाली बाई दिन में मेरे पूरे शरीर को गीले तौलिये से पोंछ कर मुझे गाउन या नाइटी पहनाने में मदद कर देती थी।क्योंकि मुझे बाथरूम में जाकर पेशाब आदि करने में कोई परेशानी नहीं हो इसलिए मैं पैंटी भी नहीं पहनती थी। इस तरह दुःख और तकलीफ में एक सप्ताह ही बीता था की मेरे ऊपर एक और मुसीबत ने आक्रमण कर दिया। उस रात को लगभग ग्यारह बजे जब मैं सो रही थी तब मुझे मेरी जाँघों के बीच में गीलापन महसूस हुआ और मेरी नींद खुल गई।मेरी परेशानी और भी अधिक बढ़ गई क्योंकि मेरे दोनों बाजुओं में प्लास्टर लगे होने के कारण मैं अपने हाथों से वह गीलापन क्यों और कैसा है इसका पता भी नहीं लगा पा रही थी। वह गीलापन नीचे की ओर बह कर मेरी नाइटी और बिस्तर को भी गीला करने लगा था जिस के कारण मुझे कुछ अधिक असुविधा होने लगी थी।दो घंटे तक उस गीलेपन पर लेटे रहने के बाद जब मेरे सयम का बाँध टूट गया तब मैंने ससुरजी को आवाज़ लगा कर बुलाया और उन्हें अपनी समस्या बताई। मेरी बात सुन कर ससुरजी ने जब मुझे थोड़ा सा सरका कर बिस्तर के गीलेपन को देखा तो अवाक हो कर मेरी ओर देखने लगे थे।मेरे पूछने पर उन्होंने बताया की मेरी टांगों, नाइटी और

भारतीय मुखमैथुन क्रीड़ाएँ

Related videos