और दूसरे दिन करीब 10 ड्राइवर इंटरव्यू के लिए आ गए.हमें तो गाडी चलाने के अलावा एक ऐसे इंसान की भी जरूरत थी जो मेरे जिस्म की गर्मी को शांत करता रहे. फिर वो निचे हो गया और मैं उसके लंड पे बैठ गई. हिंदी XXX और में गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी, वो अब मुझे जोर जोर से चोदने लगा.होटल के कमरे के आह आह आह आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ की आवाज आ रही थी. धीरे धीरे मैंने अपने टी शर्ट उतार दिए और ब्रा खोल दी. वो आह आह आह आह मैडम जी बहूत अच्छा लग रहा था. बोली तू चिंता नहीं कर, तुम्हे किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगी. उसके होठ को चूसने लगी. मैं अंगड़ाई ले रही थी. जब कभी साहब जी को पता चलेगा वो मुझे गोली मार देंगे और आप लोग की पहुच इतनी है की मेरा पता भी नहीं चलेगा.मैंने तुरंत अपने पर्स से पचास हजार रूपये निकली और उसको दी. ऐसी ही मेरी कहानी है दोस्तों. मेरा नाम परिधि है, मैं दिल्ली में रहती हु, ऐसे मै पंजाब से हु.मेरा पति का एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट का बहूत बड़ा काम है, मैं काफी पढ़ी लिखी हु, पर मैं कुछ काम नहीं करती हु, भगवान् की दिया हुआ सब कुछ है, किसी चीज की कमी नहीं है घर पे, मेरे ससुर एक बहूत बड़े
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