तो आज मै अपनी बहन को चोद के बहनचोद बनना चाहता हूँ!” वो बोला और मेरे छोटे छोटे दूध दबाने लगा.मैं अभी सिर्फ २० साल की थी इसलिए अभी मेरे दूध बढ़ ही रहे थे. ताली जैसी बजने लगी. हिंदी XXX क्यूंकि बलविंदर मेरी चूत फिर से मांग रहा था.पर आज घर में पापा , मम्मी, चाचा चाची, और भी मेहमान थे. उसका लंड पतला था पर लम्बा खूब था. मैंने खुद को बलविंदर के हवाले कर दिया. बड़ी मुस्किल से मैं बिना आवाज करते हुए उठी.और चुपके से बलविंदर के कमरे में पहुची. बलविंदर एक पंजाबी मुंडा था. फिर बलविंदर ने शाम को चाय लेकर मुझे अपने कमरे में आने का इशारा किया.मैंने जानती थी की आज कुछ ना कुछ जरुर होगा. उसे तो बहुत मजा आ रहा था, क्यूंकि मेरी गांड बहुत कसी हुई थी. मेरी मौसी के लड़के ने मेरे दूध दबाना शुरू कर दिया. ये कहानी हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मेरे छोटे आकार के टमाटरों को वो मनमाने तरह से हाथ से जोर जोर से दबाने लगा. पर मेरी तो गांड फट रही थी. बलविंदर ने एक एक करके कपड़े निकाल दिए और मुझे अपनी बाहों में भर लिया. बलविंदर ने मेरी एक बात नही सुनी और अपने घुटनों के बल बैठके मेरी गांड में लौड़ा अंदर बाहर करने लगा.
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