और मुझे खुद पर शर्म भी आ रही थी और वो पल याद करके मजा भी आ रहा था। उस दिन मुझे बहुत खुजली हुई, लेकिन मैंने उस खुजली को अपनी चुत में उंगली से शांत कर लिया।फिर मैंने सोचा कि मैं भाई को गरम करूँगी अगर हो गया तो घर की बात घर में रहेगी और खुजली भी मिट जाएगी। अब मैं भाई के सामने छोटे-छोटे कपड़े पहनने लगी और उसे अपने 36 साइज़ के बूब्स भी दिखाने लगी। वो भी मुझे गौर से देखता था, लेकिन ऐसे व्यवहार करता था जैसे उसने कुछ नहीं देखा हो।मैं अपनी मोटी गुदा मटकाती थी और उसके सामने जानबूझकर चलती थी। एक दिन माँ पिताजी एक हफ्ते के लिए छुट्टी मनाने शिमला चले गए और हम दोनों परीक्षा की वजह से दिल्ली में ही रहे। यह मेरे लिए एक गोल्डन चांस था, मैंने इसके लिए एक प्लान बनाया और उस के मुताबिक रात को छत से आते समय मैं सीधे गिर गई और जोर-जोर से चिल्लाकर रोने लगी।फिर रिशु दौड़ता हुआ आया और मुझे उठाकर पूछा कि कहीं चोट तो नहीं लग गई? XXX Hindi वो भी ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा म्म्म्मम्ह्ह्हह और फिर हम दोनों ने पानी छोड़ दिया, इतना मजा मुझे आज तक नहीं आया। अब हम रोजाना सेक्स करके मजे लेते हैं।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-















