अब दीदी नही है मुझे ही चोदकर प्यास बुझा लो!!” मैं मन ही मन में कहने लगी और अपनी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगीधीरे धीरे आनन्द और बढने लगा और ऊँगली करती चली गयी। फिर अंत में कुछ देर बाद “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा सी सी सी ओह्ह” बोलते हुए झड़ गयी और झर्र झर्र मेरी चुद्दी ने अपना पानी किसी होली की पिचकारी की तरह छोड़ दिया। मैं अपने बेड पर लेट गयी पर बार बार जीजू का ख्याल आ रहा था। फिर चुदने की तडप मेरे जिस्म में जाग गयी। मैंने अपना लॉन्ग स्कर्ट और टॉप पहन लिया और रात के 1 बजे जीजू के कमरे में चली गयी। देखा तो वो देवदास की तरह मुंह बनाकर बैठे हुए थे।“जीजू!! तुम्हारा चेहरा भी बिलकुल वर्षा की तरह है इसलिए मैं बहक गया” वो बोले.मैं बिस्तर से उठ बैठी और अपने टॉप को सही किया। फिर दूर खड़े जीजू के पास चली गयी। “कोई बात नही जीजू!! हिंदी XXX हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”बोलकर मैं परेशान हो गयी थी। जीजू को जरा भी रहम नही आया और मेरी गुलाबी चूत के होठो को खोलकर चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली डालकर फेटने लगे और मुझे दिन में तारे दिखा दिया।“ओह्ह मरी मैं….हाय अब मैं मरी!! you are so sexy!! और चूसो मेरे आमो को!!” मैं इस तरह से किसी बेशर्म बेहया चुदक्कड लौंडिया की
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सासू माँ ने शादी से पहले दामाद के लंड का रसपान किया, देसी तिकड़ी का मज़ा
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