हरा भरा गांव की मीठी चुटिया

इसके होठों ने भी तो लंड का स्वाद नहीं चखा होगा।”मीरा बोली, “जाओ चुसवाओ, मजे लो। चल उठ श्रृष्टि, आजा जीजू के लंड का टेस्ट ले ले।”मैंने श्रृष्टि को बिठाया और अपना लंड उसके मुंह के सामने कर दिया। श्रृष्टि ने लंड मुंह में लिया और चूसने लगी। बड़ी ही जोर जोर से चूस रही थी मेरा लंड श्रृष्टि। श्रृष्टि ने लंड मुंह से निकाला और मुझे कहा, “जीजू चोदो अब मुझे। डालो मेरी चूत में लंड। आपका लंड लेने के लिए मरी जा रही हूं मैं।”मैंने श्रृष्टि की चूत में उंगली डालने की कोशिश की तो मुझ लगा चूत बहुत टाइट है। मैंने खूब सारा थूक चूत पर डाला और लंड चूत पर रख कर हलके धक्के से लंड अंदर डालने की कोशिश की। लंड अंदर नहीं घुसा। थोड़ा और जोर लगा कर धकेला तो श्रृष्टि के गले से “आआह दुखता है” की आवाज निकली।मीरा बोली, “अरुण थोड़ा और थूक डालो इसकी चूत में, चिकना करो। ऐसे नहीं जाएगा तुम्हारा मोटा लंड”।मैंने थूक से चूत को और चिकना किया और लंड को जोर से अंदर की तरफ धकेला। श्रृष्टि ने अपने मुंह पर हाथ रख कर अपनी चीख रोकी।मैंने मीरा से कहा, “मीरा इसकी चूत बहुत टाइट है। अगर लंड जबरदस्ती डाला तो इसको दर्द होगा। कहीं जोर से चिल्ला ही ना पड़े”।मीरा ने कुछ सोचा, “अरुण, अब यहां तक पहुंच

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