उडुपी की गर्म दोस्त के साथ जंगली रात

उसने उस पर दो तीन दीर्घ चुंबन रसीद कर दिए.फिर वो उन टांगों को चाटते चाटते जांघो के बीच अपना मुहं घुसाकर अक्षिता की चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. फिर रोज़ रोज़ रात को जीजा जी वही सब करने लगे और अब कभी कभी जीजा जी अपनी उंगलियों से अक्षिता की जाँघो के बीच उसकी प्यारी सी नाजुक चूत में घुसकर अंदर बाहर करते. हिंदी XXX तो वो बोला कि नहीं नहीं मेरी वजह से आप क्यों तकलीफ़ करेंगी? अक्षिता उसकी इस हरकत से डर गई और वो अब उसका विरोध करते हुए बोली कि यह क्या कर रहे हो. फिर रोज़ रोज़ रात को जीजा जी वही सब करने लगे और अब कभी कभी जीजा जी अपनी उंगलियों से अक्षिता की जाँघो के बीच उसकी प्यारी सी नाजुक चूत में घुसकर अंदर बाहर करते. उसने नीचे उतरकर देखा तो कमलेश के सर से खून निकल रहा था. अक्षिता एक बार ज़ोर से चीखी और फिर कुछ देर के बाद मना करने लगी तो कमलेश बोला कि ग़लती से गांड के छेद में घुस जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, लेकिन कमलेश यह सब ग़लती से नहीं करता था बल्कि यह उसकी एक सोची समझी साजिश थी. तभी वो अपनी चाय खत्म करके बोला कि अच्छा भाभी जी में अब चलता हूँ, रात बहुत हो चुकी है और मुझे खाना भी

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