काम वाली का गर्म काम

देख क्या रहा है??” मैं बोली.ये बोलते ही वो भी तडप गया। मुंह लगाकर जल्दी जल्दी मेरी गुलाबी फुद्दी चाटने लगा। फ्रेंड्स, मैं विधवा जरूर थी पर काफी सेहतमंद थी। इस वजह से मेरी चूत भी काफी सेहतमंद थी। शुभम बेटा अपने काम पर लग गया। मुंह लगा लगाकर ऐसे चूत चाटने लगा जैसे रबड़ी इमरती पा गया हो।मैंने अपनी दोनों टांग अच्छे से खोल दी और उससे मजा लेकर चूत चटवाने लगी। शुभम चूत के दाने को दांत से काटकर और खींच कर चूस रहा था इस वजह से मुझे बहुत कामपिपासा मिल रही थी। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” की आवाजे लगाकर मुंह खोलकर निकाल रही थी। शुभम जी जान से मेरी चूत से निकलता रस पी रहा था। चूत को खोलकर उसके भीतर जीभ घुसा रहा था।“करो बेटा जी!! जवाब नही तेरा! XXX Hindi हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह” शुभम बेटा कहने लगा। मेरी चूत में बेशुमार धक्के मार मारके चोदता रहा। मेरी हालत बिगाड़ दी और अंत में झड़ने वाला हो गया। मेरी आँखे सेक्स की हवस से लाल लाल हो गयी। फिर शुभम ने झड़ते हुए लंड को चूत में अंदर की ओर दबा दिया। और फिर जोर जोर से आहे लेते हुए झड़ गया।“जुग जुग जियो बेटा जी!! जवाब नही तेरा! ऐसे ही मुझे चोदते रहना” मैं किसी चुदक्कड लंड की प्यासी रांड की तरह बोली.शुभम हाफ्ता हुआ मेरे

काम वाली का गर्म काम

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