आज मेरे दूध का सब रस तुम पी जाओ। एक बूँद भी नही छोड़ना” मैंने कहा.ये सेक्सी बात सुनकर वो दुगुने जोश में आ गया। और जोश के साथ दांत गड़ा गड़ाकर मेरे नर्म नर्म स्तनों को चूसने लगा। मुझे दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था। मेरी निपल्स को वो मुंह में लेकर किसी चूहे की तरह कुतरने लगा जिससे मुझे बहुत मजा मिला।“क्या कभी मुंह चुदाई हो सोनी ??” देव कहने लगा.“नही” मैं बोली.वो अपने 9” लंड को हाथ में लेकर फेटने लगा। उसका लौड़ा धीरे धीरे खड़ा होने लगा। काफी मजबूत और पावरफुल दिख रहा था। देव ने काफी देर मुठ मारी। उसका लंड अब किसी तेज धार चाकू की तरह दिख रहा था। वो खटिया से नीचे उतरा और मेरे सिर की साइड पीछे से आ गया। मैं और थोडा उपर उचक गयी।तभी देव ने अपना लौड़ा मेरे मुंह में घुसा दिया। मैं चूसने लगी। पहली बार मुझे उसका लंड काफी खराब लग रहा था। पर बाद में मुझे ये सब पसंद आने लगा। मैं भी चूसने लगी। मैं खटिया पर लेटकर चूस रही थी जबकि देव मेरे सिर के पीछे खड़ा होकर चुसवा रहा था।मैं हाथ से उसके लौड़े को फेटने लगी। फिर देव ने मेरे सिर को पकड़ा और जल्दी जल्दी लंड से मुंह चोदने लगा। मैं बहुत गर्म महसूस कर रही
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