क्या क्या कहा अपने.” शायद खुशबू को भी ये कभी यकीन नही होता की मैं ऐसा भी कुछ बोल सकता हु.‘मैंने कहा मादरचोद फोन रख.”थोड़ी देर को एक शांति फैल गई.“क्या हुआ आपको.” वो धीरे से बोली.“समझ नही आता क्या बोल रहा हु.”“आप ठीक तो हो ना.”“तेरी मा की चुत साली रंडी तुझे क्या मतलब की मैं ठीक हु या नही हु फोन रख.”और मैंने फोन रख दिया, उसके बाद मेरे मोबाइल में लगभग 50 बार ही खुशबू का फोन आया लेकिन मैंने नही उठाया, मैं गाड़ी चलता जंगल के और भी अंदर चला गया जंहा पर मुझे आदिवासियों का निवास मिल गया, मैं उन जगहों से बहुत ही परिचित था.लगभग 5 बज चुके थे और मेरे लिए यहां दारू मिलना बहुत ही सरल था, वो लोग खुद ही दारू बनाया करते थे, लेकिन वो किसी भी अनजाने व्यक्ति को तो देंगे नही मैं सोचने लगा की आखिर क्या किया जाय, तभी एक लड़का मेरी ही उम्र का मेरे पास अपनी गाड़ी रोकता है, वो एक बुलेट में था.“कुछ ढूंढ रहे हो” वो एक नार्मल शहर का आदमी लग रहा था.“हाँ दारू चाहिए थी.”वो हँसने लगा.“10 बजे देशी मिल जाएगी अंग्रेजी के लिए तो 30 किलोमीटर दूर के कस्बे में जाना होगा.”“ना ही देशी चाहिए ना विदेशी यहां आदिवासी का बनाया हुआ भी मिल सकता है.”वो मुझे घूरने लगा.“जंगल के इतने अंदर
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गरम भारतीय सौतेली बहन का कामुक संभोग
Actors:
Mst Srite
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