क्या स्वाद था उनके होठों का !चाय पीने के बाद तो उनके होंठ और भी मीठे लग रहे थे। मैंने भी उनकी नकल करते हुए अपनी जीभ उनके मुँह में ठेल दी। वो तो बहुत ही अनुभवी थे, उन्होंने अपनी जीभ को मुँह के अन्दर मेरी जीभ में लपेटना शुरू कर दिया। मैं इस चुम्बन में बहुत लम्बा समय लेना चाहती थी।इस बात का मैं ध्यान रख रही थी… और चुम्बन बहुत ही धीरे धीरे परन्तु लगातार कर रही थी। बीच बीच में सांस भी ले रही थी, मैं उनके होठों का पूरा स्वाद ले रही थी। इस बार शायद मैं जीत गई। कुछ देर बाद ही उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।उनकी बाहों का घेरा मेरी पीठ के चारों ओर बन चुका था, वो अपने हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगे… हम्म्म… अब तो अभिषेक के होंठ मुझे और भी स्वादिष्ट लगने लगे थे। आह…यह क्या…? हिंदी XXX हम दोनों का पुन: एकाकार हो चुका था। मुझे लगा कि इस बार मैं पहले शहीद हो गई हूँ। अभिषेक का दण्ड नीचे से लगातार मेरी बच्चेदानी तक चोट कर रहा था।तभी मुझे नीचे से अभिषेक का फव्वारा फूटता हुआ महसूस हुआ। अभिषेक ने अचानक मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ लिया और मेरी योनि में अपना काम प्रसाद अर्पण कर दिया। मैं लगातार शीशे की तरफ ही देख रही थी। अब मुझे यह
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Actors:
Pritam Vis / Sonika Sakar