अब मैने दो की प्लेस पे तीन फिंगर्स डाली.सुनीता : आआईयईई माआ णिीिककालू प्लज़्ज़्ज़. उसके शरीर पे बस एक मंगलसूत्र था जो दोनो चूचियां के बीच मे था और जो उसके रंडी कॅरक्टरलेस होने का सबूत था. XXX Hindi उनके जैसे बर्ताव करती पर अंदर से थी तो साली घरेलू महिला ही थी.मेरी नज़र सुनीता पे हमेशा से थी बस मौका अभी मिला था क्यूकी उसके घर वो अकेले रहती थी. क्यूंकी कोई कितना भी मॉडर्न हो जाए अकेला पन तो रहता ही है और मेरे जैसे हरामी लड़के इसी का फायेदा उठाते है. थोड़ी देर बाद मैने उसे लेगया अब बारी थी असली प्रोग्राम की मैने सुनीता की गांड के नीचे पिल्लो रखा और उसकी दोनो टाँगे अपने शोल्डर्स पे और लंड को चूत पे लगाया और एक प्यार पेर दमदार धक्का लगाया.सुनीता : आऐईयइ आआईयइ माआ आआईइ माआ उउउइइ ईईईईईई माआ धीरी धीरी प्लज़्ज़्ज़्ज़ माआ.सुनीता के मोन्स मुझे गरम कर रहे थे और अब वो धीरे धीरे मेरे लंड का स्वाद अपने यौवन के गुफा मे अच्छे से ले रही थी. उसकी आहे मुझे अपनी मेहनत के फल के रूप के दिख रही थी. उसकी तडप और अंगड़ाई मुझे भी गरम कर रही थी. हम दोनो ऐसे एक दूसरे को चूम रहे थे जैसे की कई सालो का ख़ालीपन भरना था.हम ये भी नही पता चला की कब मैने उसकी सारी का
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नेतू ने मेरा लंड चूसा जबकि मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ घुसाई, गर्मजोशी से भरी हिंदी कराहों और गंदी बातों के साथ।
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