पंजाबी मोटी की मोटी गांड की चुदाई

उंह उंह उंह हूँ.. कहते हुए ढक्कन की तरह खुल गया। उसकी आँखें चढ़ गयी थी, वो बड़ी देर तक अपनी चूत सहलाती रही। इसी बिच मैं अंदर घुस गया। मैंन कुछ ना देख पाने का नाटक करने लगा।“ओह …..सोरी आंटी!!” मैंने उसके नंगे जिस्म को देखकर कहा और फिर बाहर जाकर खड़ा हो गया।“आंटी किराया लाया हूँ!!” मैंने बाहर से ही आवाज लगाई.आनन फानन में मेरी चुदासी मकान मालकिन से किसी तरह अपनी साडी पहनी और मुझे अंदर बुलाया। वो हमेशा बड़े ताव में रहती थी, पर आज उसका काण्ड मैंने अपनी आँखों से देख लिया था, शायद तभी तो मेरे साथ किसी सीधी औरत की तरह पेश आ रही थी, वरना थी वो बड़ी चंट आत्मा।“उमेश!…. हिंदी XXX ओह्ह्ह्ह माँ… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. हूँ… हूँ. ऊँ..ऊँ…ऊँ करके चिल्लाने लगी।मुझे उसकी कराहने की आवाजे बहुत जादा सेक्सी लग रही थी। कुछ देर बाद मैंने उन पर अपनी अच्छी पकड़ बना ली थी। मैं उन पुर पूरी तरह से झुका हुआ था और उनको चोद रहा था। आंटी की आँखें भले ही बंद हो, पर वो अपना प्यार दूसरी तरह से दिखा रही थी।उनका सीधा हाथ बार बार मेरे सीने को प्यार से सहला रहा था। बहुत ही रोमांटिक मौसम बन गया था मकान मालकिन के साथ। चुदती हुई हर हिन्दुस्तानी औरत की तरह मकान मालकिन ने भी अपने दोनों पैर किसी बतख की तरह

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