कमाँन फक मी हार्डर!… फक माई पुसी!!” अर्पिता किसी अल्टर की तरह चिल्ला रही थी।मैंने दनादन उसे पेल रहा था। कुछ देर बाद तो उसकी चूत से बहुत सारा मक्खन निकला तो मेरे लौड़े पर लग गया था। अर्पिता की चूत में मेरा लंड जल्दी जल्दी सरक रहा था जैसे लोग बर्फ पर स्केटिंग करते है वैसा ही मेरा लंड उसकी रसीली चूत में स्केटिंग कर रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मैं अपनी कमर हिला हिलाकर उसे बजा रहा था। कुछ देर में गरिमा अपनी गांड और कमर हवा में उछालने लगी। उसे सेक्स का नशा चढ़ गया था। उसकी आँखे टंग गयी थी। मैंने उसके होठ को फिर से पीने लगा और उसे जल्दी जल्दी चोदने लगा। लगा की मैं कोई केक काट रहा हूँ। गरिमा ने अपनी टाँगों को मेरी कमर पर कस दिया जैसे वो चाहती टी की मैं उसे जल्दी जल्दी पेलूँ।मैंने एक बार फिर से कस कसे धक्के मारने शुरू कर दिए। मेरा लंड तो अब और भी जादा मोटा हो गया था उसकी फुद्दी को चोदकर। कुछ देर बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया। मैंने गरिमा के उपर लेट गया। हम दोनों के मुंह से शराब की महक आ रही थी। फिर भी हमे बिलकुल पता नही चल रहा था। मैंने उसे फिर से किस करने
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पंडित जी के साथ एक युवती की गर्म कहानी – भाग 7
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