आकर नीचे से इतनी जोर से उपर की ओर कमर को उछालने लगी कि जवाहर को और जोश एवं मस्ती होने लगा वह लगातार ठाप ठाप मारने लगा।आन्टी बेहद चोदास होकर वाह वाह करने लगी और पागल की तरह जवाहर को अपने सीने से लगा कहने लगी वाह से मेरे शेर। और जोर जोर से मारो जवाहर… फार डालो हमारी बुर को……।जवाहर इतना सुनते ही वह जब आसमानी ठाप मारने लगा तो लण्ड तेजी के साथ गपाक गपाक करता फचाफच कर अन्दर बाहर करने लगा। उस समय जवाहर को कुछ भी सूझ नहीं रहा था। वह तो आज पहली बार बुर का मजा को ले रहा था।उसे तो इससे बढ़ीया मजा तो किसी चीज में नहीं था। वह इतना तेजी के साथ चोदने लगा कि आन्टी बाग बाग होने लगी वह सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि जवाहर हमारी बुर को इस तरह से चोद सकता था। चालीस वर्ष की मुड़झाई बुर आज सोलह साल की जवान बूर बन कर खिल गई थी। और वह नीचे से जवाहर को जी भर कर साथ दे रही थी।एक घण्टा बीत जाने के बाद अभी तक जवाहर के लण्ड से गरमी बाहर नहीं हो पाया था। आन्टी तो इस बीच दो दो बार अपनी बर की गरमी निकाल भी चुकी थी। जवाहर तो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। आन्टी तो
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पंडित जी के साथ मेरी गर्म रात – हिंदी ऑडियो सेक्स स्टोरी भाग 3
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