मैं मनोमन सावित्री की चूत को लेने की योजना सोचते हुए अपने रूम में जूते और कपडे निकाल रहा था, मैं अपने कपडे उतार अपनी चड्डी में खड़े हुए सावित्री के बारे में ही सोच कर अपने लंड के उपर हाथ फेर रहा था.मेरा लंड मांसल हुआ पड़ा था और हाथ फेरने से मजा आ रही थी. अक्सर शाम के वक्त मैं लंगोट की साइज़ के बरमूडा में ही होता था और उसके आते ही लंड बरमुडे का आकार ऊँचा कर देता था.एक दिन हमारे बोस की बीवी की बर्थ-डे थी और ऑफिस का सभी स्टाफ पार्टी में जानेवाला था इसलिए बोस ने सभी को तैयार होने के लिए लंच के वक्त ही छोड़ दिया, मैं घर आ गया और देखा की दिलीप और सरला भाभी दिखाई नहीं दे रहे थे…!मैंने सावित्री को तभी बरामदे पर अपने बाल झटकते देखा, वह अपनी नीली नाईटी पहने बाल को टुवाल से झटक रही थी और शायद अंदर ब्रा नहीं पहेनी हुई थी इसलिए उसके मांसल स्तन इधर उधर हो रहे थे, मेरा लंड उबलने लगा. हिंदी XXX मैं मनोमन सावित्री की चूत को लेने की योजना सोचते हुए अपने रूम में जूते और कपडे निकाल रहा था, मैं अपने कपडे उतार अपनी चड्डी में खड़े हुए सावित्री के बारे में ही सोच कर अपने लंड के उपर हाथ फेर रहा था.मेरा लंड मांसल हुआ पड़ा था
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पहली बार नवयौवना वेश्या को उत्तेजक देसी हिंदी ऑडियो के साथ जबरदस्त चुदाई
Actors:
Sonu
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