वैसे वहाँ भी निरमा दी तो हैं हीं, पर वो मेरे जैसे नहीं है… बहुर शर्मिली है, कुछ गड़बड़ मत कर लीजिएगा…”। मैंने हल्के से उसके गाल पर थपकी दी और फ़िर उन दोनों को विदा कर दिया। ट्रेन समय से खुल गई, और अब मैं अपनी सीट पर लेटा पिछले कुछ दिनों के घटनाओं के बारे में सोचने लगा। सब कुछ एक सपना जैसा लग रहा था।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- वैसे वहाँ भी निरमा दी तो हैं हीं, पर वो मेरे जैसे नहीं है… बहुर शर्मिली है, कुछ गड़बड़ मत कर लीजिएगा…”। मैंने हल्के से उसके गाल पर थपकी दी और फ़िर उन दोनों को विदा कर दिया। ट्रेन समय से खुल गई, और अब मैं अपनी सीट पर लेटा पिछले कुछ दिनों के घटनाओं के बारे में सोचने लगा। सब कुछ एक सपना जैसा लग रहा था।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- और मैंने अपना लन्ड उसके चेहरे की तरफ़ कर दिया।वो न में सर हिलाने लगी तो मैंने भी उसको बच्ची जान जिद नहीं किया और फ़िर एक बार अपना ध्यान उसकी बड़ी बहन सुधा की तरफ़ किया। अब मैंने सुधा को पकड़ कर खड़ा कर लिया और फ़िर उसको बाहों में भींच कर जोर-जोर से चुमने लगा। मेरा खड़ा लन्ड उसकी पेट में चुभ रहा था।सुधा एक भूरे रंग के प्रिन्टेड सूती सेमी-पटियाला सलवार-सूट पहने थी।
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पहली रात शादी के बाद नवविवाहित कुंवारी लड़की की चूत में जोरदार हिंदी सेक्स
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