प्रियांशी शर्मा को मैंने पीछे से झुकाकर जोरदार चोदा

ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.और मैं समझ गया कि वह भी मेरे हट्टे कट्टे शरीर की ओर आकर्षित हो रही थी। और इस तरह कुछ ही दिन बाद हम बातों बातों में करीब आने लगे। और मेरी शर्मीला आंटी की चूत मारने की बेताबी और बढ़ने लगी और धीरे धीरे उनके अंदर भी जोश जगाने की कोशिश करने लगा।और एक दिन वह सुनहरा मौका आ गया। रोज की तरह मैं उस दिन भी ट्यूशन पढ़ाने के लिये शर्मीला आंटी के घर पहुंचा। उस समय शुभम सो रहा था और उनके जगाने पर वह रोने लगा तो उन्होंने कहा कि आज मत पढ़ाइये, फिर मैं जाने लगा तो बोली कि चाय पी लो और चाय बनाने किचेन में चली गयी।फिर मैं भी उठकर किचेन में चला गया और वहीं खड़े होकर उनसे बातें करने लगा। और फिर धीरे से उनके गाल पर किस कर दिया। पहले तो वह मुझे गुस्से से घूरी पर मुस्कुरा कर अपना काम करने लगी। और मैं समझ गया कि उनकी सहमति हां में है।और झटके से उनको अपनी ओर खीच कर उनके होठों को दबाकर जोर से किस कर दिया, पर उन्होंने मुझे धक्का देकर दूर कर दियाऔर चाय को बीच में छोड़कर गैस बंद करके किचेन से बाहर चली गयी। इस पर मैं भी घबरा कर उनकी ओर दौड़ा कि कहीं

प्रियांशी शर्मा को मैंने पीछे से झुकाकर जोरदार चोदा

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