वो मुझे बार बार चूमते रहे। दोस्तों मैं मजे से चुद रही थी। अब मैं भी निचे से धक्के दे रही थी। वो और भी ज्यादा कामुक हो रहे थे।वो कह रहे थे आज तो तू भी मूड में है क्या ज्यादा दर्द नहीं हो रहा है मैं कुछ भी नहीं बोली। मैं बस चुदाई का आनंद ले रही थी। उनके मुँह से बराबर शराब की बू आ रही थी रही थी। दोस्तों उसके बाद मुझे उलटा कर दिया और पीछे से ही मेरी चूत में अपना लौड़ा पेलने लगी।वो मेरी चूतड़ को पकड़कर जोर जोर से धक्के दे रहे थे और मैं चुद रही थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और उनका लौड़ा पूरी तरह से अंदर बाहर हो रहा था। मेरी चूत काफी गीली हो गई थी और अपनी चूचियां मैं खुद ही दबाने लगी क्यों की मैं काफी सेक्सी हो चुकी थी।मेरे रोम रोम पागल हो रहे थे गर्म हो गई थी मैं। उन्होंने मुझे फिर से सीधा किया और इस बार और भी जोर जोर से चोदने लगे। दोस्तों अब उनकी स्पीड बढ़ गई थी और मैं तार तार हो रही थी क्यों की उनके धक्के से लौड़ा अंदर तक जा रहा था। मैं खूब मजे लेले के चुदवा रही थी। और वो मेरी चूचियों को जोर से दबाते हुए होठ को चूमते हुए। जोर से लौड़ा
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भाभी का गर्म चुदाई का किस्सा: देवर के साथ धोखे से पति को चोदती हुई गंदी हिंदी सेक्स कहानी
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