मैंने कहा।मनोज ने मेरे हाथ अपने हाथ में लिए और बोली, “मुझे आप की चुदाई देखनी है”।मैं हैरान हो गयी। इस बात की तो मुझे उम्मीद नहीं थी। पर फिर भी मैं बोली, “ठीक है, पर देखोगी कैसे”?“बस अंकित के कमरे की खिड़की थोड़ी खोल कर रखना”।मैंने मधु की तरफ देखा और हाँ में सर हिला दिया, “खिड़की थोड़ी खोल कर रखना”।तो क्या माँ के कमरे की खिड़की भी जान बूझ कर खुली रखी गई थी ? XXX Hindi उधर मधु भी मुझे देख देख कर मुस्कुरा रही थी। मैं हैरान थी की आखिर ये हो क्या रहा है ?दस दिन गुज़र गए। मैं जान चुकी थी की अंकित हर दुसरे दिन माँ को चोदता है। मुझे भी हर चुदाई देखने का चस्का लग गया था। मधु अब अजीब अजीब सी बातें करने लगी थी, बात को घुमा कर मुझसे जाना चाहती थी मेरा कोइ बॉय फ्रेंड है क्या ? कहीं इसने मुझे खिड़की में से चुदाई देखते हुए देख तो नहीं लिया ? तो क्या अब अंकित माँ की गांड चोदेगा” ?मैं समझ गयी अंकित माँ की गांड के छेद को चिकना करने के लिए जैल क्रीम लाया था। अंकित ने क्रीम लगा कर अपने लंड का टोपा माँ की गांड के छेद पर रखा और धीरे धीरे लंड अंदर डालना शुरू किया। कुछ ही पलों में अंकित का मोटा लंड माँ की
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भारतीय गर्म चूत का रस हिंदी में Xxx
Actors:
Indian Xxx / Indianxxxreality
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