कैसी हो तुम???” वो बोलाफिर मैंने उससे कहा की क्या वो मुझे अपने पापा के बनाये एग्जाम पेपर चुराकर दे सकता है। इस पर वो बहुत सीरियस हो गया। उसके पापा सनी सर बहुत ही सख्त मिजाज प्रोफेसर थे और सब लोग उनसे बहुत डरते थे। वो कभी भी मजाक नही करते थे।सनी सर का लड़का उत्कर्ष भी उसने बहुत खौफ खाता था। पहले तो उसने भी एग्जाम के पेपर चुराने को मना कर दिया कर जब मैंने उससे बहुत रिक्वेस्ट की और जब उत्कर्ष को बताया की मैंने कुछ नही पढ़ा है और मैं पेपर में फेल हो जाउंगी तो वो मेरी मदद करने को तैयार हो गया मगर उसने मुझसे मेरी चूत मांग ली।“ओके उत्कर्ष!! हिंदी XXX अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवाजे निकाले जा रही थी। फिर उत्कर्ष अपनी कमर को गोल गोल मटकाने लगा और मुझे बजाने लगा। उसका लंड मेरी चूत में जल्दी जल्दी फिसल रहा था।मुझे तो जन्नत का मजा मिल रहा था। ऐसा लग रहा था की उत्कर्ष को आज पहली बार कोई खूबसूरत लड़की चोदने को मिली है। वो ललचाकर मुझे चोद रहा था। उसका लौड़ा तो मेरी चूत को मजे से फाड़ रहा था। मैं चुद रही थी।सनी सर का बेटा मुझे चोद रहा था। मुझे बहुत ही मीठा मीठा अहसास हो रहा था। फिर उत्कर्ष ने मेरी एक दोनों टांगो को मोड़कर















