मैंने अपने दोनों जाघों को जोड़कर अपनी चूत को ढकने की असफल कोसिस की, पर मैं कामयाब ना हो सकी. XXX Hindi मैं दर्द से रोने लगी. मेरे जैसी देसी लौंडिया को वो किसी मुर्गी की तरह नोच खसोट रहा था. फिर वो मेरी चूत में झड गया.२ दिन बाद वो फिर आया. फिर उसने अपना बड़ा सा हाथी जैसा लौड़ा मेरे मुँह से निकाल दिया. जिस तरह वो अपनी बकरी को रस्सी से बाधता था, उसी तरह उसने मेरे दोनों हाथ उपर करके बाँध दिए.मेरे मुँह पर उसने रुमाल इतनी जोर से खींचकर बाँधा की मेरा मुँह दर्द करने लगा. मैं ये बात अच्छी तरह से जानती थी. वो मेरे मुँह को चोदने लगा. मैं रो रही थी. फिर अपना मुँह उसने खोला, मेरे दूध के पास आया और पीने लगा. फिर उसने अपना कच्छा निकाल दिया. मेरी भुंडियों को हल्का हल्का मजे से मसल रहा था. मैं भी १६ साल की उस कच्ची उम्र में मासूम कली थी.मैं नही जानती थी की चुदना क्या होता है. मेरी माँ ही मेरे लिए ब्रा और पैंटी लेकर आती थी. उसकी आँखों में मेरी सीलबंद चूत और मेरे कुंवारे मम्मे ही तैर रहें थे. उसकी आँखों में मेरी सीलबंद चूत और मेरे कुंवारे मम्मे ही तैर रहें थे. कस्टमर ने मुझे कष्ट में डाल दिया था. कस्म्टर ने एक जोर का झटका दिया और मेरा
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भारतीय गर्म स्टेप माँ की चुदाई और देसी मज़ा
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