थोडी देर के लिए मैने उनकी चूंचि को मुँह से निकाला और बोला, “में हमेशा तुम्हारे ब्लाउज मे कसी चूचि को देखता था और हैरान होता था. हिंदी XXX फिर भाभी बोली, “अब लंड को बाहर निकालो, लेकिन पूरा नही. भाभी ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे जकड लिया और ज़ोर ज़ोर से चूतड उठा उठा कर चुदाई मे साथ देने लगी. भाभी अपने रसीले होठों को अपने दातों मे दबा कर देखती रही और अपने पेटीकोट का नाडा खीच कर खोल दिया. भाभी भी हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थी और रास्ता मिलते ही मेरा एक ही धक्के मे लंड अंदर चला गया.इससे पहले की भाभी संभले, मैने दूसरा धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड जैसे चूत की जन्नत मे दाखिल हो गया. भाभी ने अपनी मुलायम हथेलियो मे मेरा लंड को पकड कर सहलाना शुरू किया. जैसे जैसे भाभी की मस्ती बड रही थी उनके शॉट भी तेज़ होते जा रहे थे. अपने दाएँ हाथ से वो मेरा लंड पकड कर उसे मुट्ठी मे बाँध कर सहलाने लगी और अपने बाएँ हाथ से मेरा दाहिना हाथ पकड कर अपनी टांगों के बीच ले गयी.जैसे ही मेरा हाथ उनकी चूत पर पहुँचा उन्होने अपनी चूत के दाने को उपर से रगड दिया.
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