तुम दोनों एकदम अच्छे बच्चे नहीं हो, पापियों, खड़े हो जाओ, क्या मैंने तुम्हें यही शिक्षा दी थी, ओह… तुमने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया, भाई-बहन हो कर… ये कुकर्म करते हो…!”इसके आगे वो कुछ भी नहीं बोल पाईं। मैं एकदम भौंचक्का रह गया था और शीघ्रता से अपने लंड को अपनी बहन की चूत में से निकाल लिया। मेरा लंड का पानी अभी नहीं निकला था, वो निकलने वाला ही था, पर बीच में मम्मी के आ जाने के कारण रुक गया था, इसलिए मेरा लंड दर्द कर रहा था।मेरा दिमाग़ को अभी भी हमारी पूरी स्थिति की गंभीरता का अहसास शायद नहीं हुआ था। इसलिए मेरा लंड अभी भी खड़ा और उत्तेजित था। अचानक से एक झटके के साथ उसमें से एक तेज धार के साथ पानी निकल गया। मेरे वीर्य की कुछ बूदें उछल कर सीधा मम्मी के ऊपर उसकी साड़ी और पेट पर जा गिरी। ये सब कुछ एक क्षण के अंदर हो गया था। झड़ जाने के बाद शायद मेरे दिमाग़ में सामने खड़ी मेरी मम्मी कर डर हावी हुआ और मैं डर कर अपनी पैन्ट को खोजने लगा। मैं अपनी कमर के नीचे पूरी तरह से नंगा था।मेरा लंड अब पानी छोड़ कर लटक गया था। मेरी बहन तेज़ी के साथ बिस्तर पर से उतर गई और अपनी स्कर्ट को उसने चूतड़ों पर चढ़ा लिया था।
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भारतीय त्रिकोणीय सेक्स (दो मादा एक नर)
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