मेरे से उन की अच्छी बनती थी. हिंदी XXX आरुशी के मुंह से आह निकल पड़ी. वो बोली “ये तो बहुत मीठा लगता है. मेरा लंड और ज्यादा अकड़ गया ठुमक ठुमक करने लगा. मैं उस के बदन पर ढल पड़ा. एक हाथ में लंड पकड़ कर बुर पर घिसा और गिला मत्था क्लाइटोरिस से रगड़ा. तेरी मरजी के खिलाफ कुछ नहीं करेंगे.”उसने चेहरा उठा कर मेरे सामने देखा. घर में एक बुड्ढी नौकरानी थी जो सो गयी थी. मैंने उसे ठीक से लेटाया. ऐसा भी नहीं है की मैं उस के मस्त जवान जिस्म से अँधा था. मेरा नाम है कनिष्क है. तुझे दर्द तो नहीं होता न.” “दर्द नहीं होता. मैं पीठ के बल ले गया और उस को ऊपर ले लिया. बोल के बता न.” दूसरी चिकोटी काटी. उस के आग्रह पर मैं मेरा ये अनुभव आप को सुना रहा हूँ. दूसरे वो अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रखे ऐसे खड़ी थी की उस का स्तन मेरी पीठ साथ दब गया था. लंड में से काम रस झड़ता था जो उस के थूंक से मिल कर सारा लंड को गिला किये जाता था.लंड चूसने में उस की उत्तेजना भी बढती जा रही थी. हाइट 5’8” वेट 60केजी. सससससीई… वहां मत छू…..ओह्ह्ह..
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भारतीय बैकपैकर नकली हॉस्टल में अंतरजातीय समूह सेक्स का मज़ा लेता है
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