ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मेरे अंदर भयानक आग लगी हुई थी मैं अपनी चूत में उंगली डालें सिर्फ को उधर झटका करेगी थी मैं उंगली डालकर उसका पानी निकलने लगी एक हाथ से अपने चूत को और दूसरे हाथ से अपने चूचियों को सहलाने लगी फिर निपल को धीरे धीरे मसलने लगी मेरे मुँह से आआआआआआह्हह्हह्हह्हह्ह रिंकी के पापा करो नहीं तो मर जाऊंगी मैं आआआआ.जैसे ही निकलने लगी आज मेरे पापा के हथियार के बारे में मैं सोच कर पहली बार अपनी चूत मैं उंगली कर रही थी। मेरे लाख चाहने पर भी अपनी चूत की आग को ठंडा नहीं कर पा रही थी बाल्की मैं तो आग में घी डाल राही थी. XXX Hindi चिकनी माखन सी उन्हें चाटने में मजा आता है.मैं, तो क्या दीदी इन्हें साफ की होगी इनके वहा तो बहुत बड़ा और घना जंगल है.बुआ: अक्सर मर्द अपनी झाँते साफ नहीं करते उन्हें पता ही हमें उनके वहा घना जंगल अच्छा लगता ही है वो जब करते समय उनकी बड़ी बड़ी झाँटे हमेशा से ही रगड़ते ही पता ही जन्नत का नजारा मिलता है। वैसे भाभी अगर तुम्हें भैया की झाँते पसंद न आए तो शादी के बाद खुद साफ कर देना.बुआ की बात सुन कर जहां मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया और मैंने अपना चेहरा अपने हाथों से ढक
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भारतीय भाभी का कड़वा कठोर जंगली संभोग हिंदी आवाज में
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