करके सिसकने लगती। मुझे बहुत मजा आ रहा था, और साथ में मामी तो अपनी होने वाली चुदाई का पूरा मजा उठा रही थी। काफी देर तक मामी कि चूची को पीने का खेल चलता रहा।उनकी चूची को पीने और मसलने के बाद मैंने मामी कि पैंटी को अपने हाथो से सहलाने लगा। मामी अब और भी कामातुर होने लगी, उन्होंने अपने मम्मो को अपने ही हाथो से जोर जोर से दबाने लगी। मैने धीरे से उनकी पैंटी को निकाल दिया और उनकी कमसिन, रसीली और नाजुक चूत को अपने हाथो से सहलाने लगा।मैंने उनकी चूत की गुलाबी दाने को अपने उंगलियो हिलाने लगा । जब मै उनकी चूत के दाने को अपने हाथो से हिला रहा था तो ,मामी अपने बदन को रोक नही पा रही थी और अपने कमर को हवा में उठा लेती। मैंने धीरे धीरे उनके चूत के दाने को खूब तेजी से हिलाने लगा.जिससे मामी तो … उह उह उह … आह आह अह्हह्ह अह्ह्ह … सी सी से….. हिंदी XXX करने लगी। इसके बाद मैंने मैंने अपनी उंगलियो को उनकी चूत में डालने लगा, मैंने धीरे धीरे अपनी चारो उंगलियो को उनकी चूत में डाल दिए और मामी तो तडप उठ और तेज तेज से चीखने भी लगी।उनकी चूत में उंगली करने के बाद मैंने अपना लंड निकाला, मेरे लंड को देख कर मामी खुश हो गई। मैने
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भारतीय माँ की गरम देह की कहानी
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