जब सर ने झटका दिया, मेरी चीख निकल गई लेकिन मैंने खुद को संभाल लिया। यह फैसला मेरा था, मुझे मालूम था कि पहली बार दर्द होगा, उसके बाद मजा ही आता है और मर्द मुट्ठी में आ जाता है। जल्दी मुझे बहुत मजा आने लगा। उस दिन जब मैं स्कूल से निकली तो बहुत खुश थी। मैं कली से फूल बन गई थी और अपनी दीवानगी की हद पूरी कर ली थी। अपनी सर को पटाने वाली जिद पूरी की!अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- एक लड़की तुझे खुद प्यार करना चाहती है और तू है कि बस देखता ही नहीं?“तुम अभी बहुत छोटी हो!”“कौन कहता है? हिंदी XXX और आप बताओ, कभी स्कूल टाइम मैंने आपको कुछ कहा है?”मैंने अपना बैग परे रख दिया, उसके करीब गई, बिल्कुल सामने उनके कंधे को पकड़ते हुए उनके सीने से लग गई। वो परेशान हो गया था, मैंने दोनों बाहें अब कस दी। मेरी जवानी का दबाव पड़ता देख वो पिंघलने लगा, उसने भी मेरी पीठ पर हाथ रख लिए, उसके हाथ रेंगने लगे थे।मेरी दीवानगी मालूम नहीं कैसी है, हालाँकि यह मेरा ऐसा दूसरा अवसर था। मैंने अपने अंगारे सेत पर हे होंठ उसके होंठ पर लगाए तो वो और पिंघल गया, उसने अपना हाथ मेरी कमीज़ में घुसा दिया और मेरे एक मम्मे को दबाया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर
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Actors:
Ms Emma