ये बात उन दिनों की है जब मोबाइल फोन नहीं होते थे, लैंड लाइन फ़ोन भी किसी के घर में होते थे। जून का उमस भरा महीना चल रहा था। सरकारी कालोनी के एक घर में श्रीमती गर्मी से जूझ रही थी। जून की गरमी और फिर बिजली भी चली गई। गरमी से परेशान श्रीमती जिसका नाम रागिनी ने अपनी साड़ी उतार कर एक तरफ फेंक दी और बिस्तर पर बैठकर पंखा झलने लगी। Family Hawas Ki Kahaniरागिनी का गुलाबी ब्लाउज पसीने से पूरा भीग चुका था। उसके अगले बटन ऐसे लग रहे थे जैसे वो रागिनी के स्तनों को संभालने का पूरा प्रयास कर रहे थे। फिर भी रागिनी के दूधिया स्तनों की गहराई साफ नजर आ रही थी। रागिनी ने अपने 40 बसंत पार कर लिये थे। मगर उसने अपना बदन खूब सम्भाल के रखा था। लम्बे बाल, 38 साइज के स्तन, कमर 31, 36 के नितंब। गोरा बदन, पेट अभी भी सपाट था।उसके परिवार में कौन कौन है हम इसे में बाद में बात करेंगे। फिलहाल हम उसकी गतिविधियों पर चलते हैं। गर्मी से परेशान रागिनी ने अपना ब्लाउज़ उतारा और फिर अपनी ब्रा उतार दी जिसकी उसे अभी कतई ज़रूरत महसूस नहीं हो रही थी। ब्रा उतरते ही उसके बड़े बड़े स्तन किसी पंछी की तरह कैद से आजाद हो गये। उसके चुचियाँ हल्की बादामी रंगत लिए हुई
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भारतीय सेक्स प्रेम कहानी
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