अब वो उठी और उसने मेरे कपडे खोल दिए और मेरा लिंग हिलता हुआ बाहर आ गया और खड़ा हो गया. अब मेरा भी लंड खड़ा होने लगा पर मैंने फिर भी ध्यान नहीं दिया. हिंदी XXX हमारे स्कूल का नाम पूरे शहर में है क्यूंकि यहाँ के छात्र बड़े ही विद्वान और कर्मठ होते हैं. मैंने मन में सोचा ये क्या हो गया है इसको ठीक करना पड़ेगा पर किस्मत को तो कुछ और ही मंज़ूर था.वो अगले दिन फिर से प्रयोग्शाला में आई और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. अब मेरा भी लंड खड़ा होने लगा पर मैंने फिर भी ध्यान नहीं दिया. इसलिए मैंने बच्चो को भी भी कभी किसी से पीछे नहीं रहने दिया.किताबी ज्ञान के साथ मैंने उनको बाहरी ज्ञान भी दिया जिससे उनका पूरा विकास हो और वो आगे तक जाए. वो मुझे पीछे से चूम रही थी और मुझे इस चीज़ से जोश आ रहा था.मैंने अब सोचा इसको रोकना मुश्किल हो जाएगा. मैंने कहा हेमा तुम्हारा ध्यान कहाँ है ? दोस्तों मेरी कक्षा में हमेशा बच्चे खुश रहते थे और दूसरी कक्षा के बच्चे भी मुझसे ही पढ़ते थे. मैंने कभी किसी में भेदभाव नहीं किया क्यूंकि ज्ञान फैलाना ही मेरा धर्म है.
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