रोकू तो भी रुके नही. हिंदी XXX तब दोनो हथेलियों के बीच उसके लंड को लेकर उसे रग़ड डाला, जैसे हम लस्सी बनाते समय घूमाते है. उनके ऑफीस जाने के बाद में घर मे पहले अकेली हुआ करती थी. इससे लंड एकदम जल्दी से तैयार हो जाता है…… और मुझे भी तो अब चुदवाने की जल्दी लगी हुई थी. अब उसे मेरी गोरी बाहें भी देखने को मिलती थी.तीसरे दिन मैने एकदम पारदर्शक –ब्लाउज पहन ली, जिस मे से मेरी काली ब्रा साफ दिखाई देती थी. वो भी बंद थी, पर पूरी लगी नही थी. सिर के बाल गीले थे और मेरे गोरे बदन पर पानी सरक रहा था.मैं काफ़ी सेक्सी लग रही होगी. मैने उसे कहा, जीभ से काम लो, होंठ से नही… इतना इशारा काफ़ी था. उस रात को मैने ब्लाउज को साइड से भी शेप देकर ऐसा बना दिया की लाइन के अलावा बूब्स की साइड के भी दर्शन होने लगे.पाँचवे दिन उसे पहना. लेकिन कुछ नही हुआ। फिर ऑखें खोली तो वो वहा नही था. और मेरा चेहरा ऊँचा किया. वो दरवाज़ा बंद करके फिर हस्त मैथुन कर रहा था. थोड़ी देर मे उसके लंड से फव्वारा उड़ा और वो शांत हुआ.उस रात मैने सातवें दिन का प्लान बना लिया. मेरी आंखे झपकना भूल गयी, सिने की धड़कन बढ़ गयी.
>
भारत की गर्म और उत्तेजक रातें
Related videos














