साला कौन आ गया इस वक्त यह सोचकर मै दरवाजे की ओर बढा, मम्मी के शकल पर भी नाराजी झलक रही थी, वो उठकर बाथरूम मे चली गयी कि कोई उसे इस हालत मे न देखे.मुझे बडा गुस्सा आया, झट्से दरवाजा खोला तो देख पन्डित लौट आया था, मै गुस्से मे फुसफुसाया कि क्या है, मैने क्या कहा था तो वो कहने लगा कि परिधि दीदी जाग गयी है और कबसे पूछ रही है वो यहा आ जाती तो सब गडबड हो जाता और काम बिगड जाता.फिर मम्मी नहा के चेन्ज कर के आ गयी और हम दोनो हमारी रूम मे चले गये. मम्मी उछल उछल कर अपनी कमर को झटके देने लगी. हिंदी XXX उसे वहा छोड कर हम दूसरे कमरे मे दाखिल हो गये.पन्डित ने वहा जाते ही हमे कुछ देर पूजा के स्थान पर बिठाया और मन्त्र जाप करने लगा. उन मक्खन जैसे गालोको सहलाते हे मै जन्नत का मजा ले रहा था.उन्होने कहा कि अगर गाल पे लगाना था तो गर्दन से पहले लगाते, मैने कहा जैसे पन्डितजी ने कहा मै तो वैसे ही कर रहा हू. कोई भी औरत तारीफ से पिघल जाती है और मम्मी भी एक औरत ही थी, उनका खूबसूरत और गोरा चेहरा लाल हो गया, उन्होने यह बात पे जरा भी ध्यान नही दिया कि मै उन्हे बातो मे उलझाकर उनकी पीठ को बहुत समय
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भारत की गर्म और रसीली कली
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