मीठी भारतीय चूत की कामुक आकर्षण

छोड़ो मुझे (गुस्से से बोली).प्रभाकर: अब मुझसे क्या शरमाना मेरी जान… वहाँ तो देख देख कर अपनी चूत को मसल रही थी… अब क्या हुआ…मे: (अपने हाथ को छुड़ाने के कॉसिश करते हुए गुस्से से बोली) देखिए भाई साहब आप जो कर रहे है, ठीक नही कर रहे है… मेरा हाथ छोड़ दो…प्रभाकर ने अपने होंटो पर बेहूदा सी मुस्कान लाते हुए मुझे धक्का दे कर दीवार से सटा दिया… और मेरे दोनो हाथों को पकड़ कर मेरी कमर को पीछे दीवार से सटा दिया… .मेरी सारी का पल्लू नीचे गिर गया… और मेरे ब्लाउस मे तनी हुई चुचिया मेरे जेठ जी के सामने आ गयी…उन्होने एक हाथ से मेरे दोनो हाथों को पकड़ कर दीवार से सताए रखा… फिर वो पैरो के बल नीचे बैठ गये… और मेरी सारी और पेटिकॉट को ऊपेर करने लगे… मेरी तो डर के मारे जान निकली जा रही थी… कि कहीं कोई उठ ना जाए… घर पर बच्चे और सास ससुर थे… अगर वो मुझे इस हालत मे देख लेते तो मे कहीं की ना रहती…मे अपनी तरफ से छूटने का पूरी कोशिश कर रही थी… पर उसकी पकड़ बहुत मजबूत थी… उसने तब तक मेरे सारी और पेटिकॉट को मेरी जाँघो तक उठा दिया था… और अपनी कमीनी नज़रों से मेरी दूध जैसी गोरी और मुलायम जाँघो को देख रहा था… अचानक उन्होने ने

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